ABOUT SIDH KUNJIKA

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः

किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।

ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

Salutations into the Goddess who may have the shape of root chants Who via the chant “Purpose” has the shape of your creator Who via the chant “Hreem” has the shape of 1 who can take care of almost everything And who by the chant “Kleem” has the shape get more info of enthusiasm

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

It is extremely secretive – we really need to go deeply within and understand the that means of such mantras.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.

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